अभी पिछले महीने ही मेरी कंपनी में एक स्पर्धा आयोजित की गई थी, जिसमें कंपनी की एक कार्यप्रणाली को थीम बनाया गया था और उस कार्यप्रणाली को लेकर किसी भी प्रकार की प्रविष्टियाँ मांगी गई थी। तस्वीर, पोस्टर्स, संदेश, लघु फ़िल्म, विज्ञापन फ़िल्म इत्यादी।
मैने भी ५ प्रविष्टियाँ भेजी थी।
तीन तो तस्वीरें थीं, जो कि मैने अपने मोबाईल से खींची हुई थी।
और दो पोस्टर्स थे जो कि मैने ही बनाये थे।
बिल्कुल सीधे साधे पोस्टर्स और तस्वीरें थीं, जिनपर बाद में संदेश चस्पा कर दिये गये थे, फ़ोटोशॉप की सहायता से। जिसे करने में मेरी ही टीम के एक फ़ोटोशॉप एक्सपर्ट साथी, राहुल, ने मदद की थी।
बहरहाल, जब परिणाम घोषित हुआ तो बड़ी खुशी हुई, मेरी प्रविष्टियों को प्रथम स्थान मिला था।
कंपनी के सारे (हज़ारों) लोगों को इमेल पहुँचा, मेरे नाम और तस्वीर के साथ।
आज उसका पुरस्कार मिला। एक अंग्रेजी पुस्तक। The Last Lecture (Randy Pausch).
पुस्तक पर हमारी कंपनी के एस्जीक्यूटिव डायरेक्टर का संदेश भी था, उन्हीं के हाथ से लिखा हुआ।
मेरे लिये तो खुशी की बात थी, इसलिए सोचा सबसे बाँट लुँ। और हाँ, अगर पार्टी-वार्टी मांगने का इरादा रखते हो तो पहले यह पोस्ट पढ लीजियेगा। :)
तो हम तो चले Last Lecture पढने, आखिर ऐसे Lecture, अरे मेरा मतलब है पुरस्कार, बार बार थोड़े ना मिलते हैं।
Thursday, June 18, 2009
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2 comments:
Ye lo comment
अरे वाह, बहुत बहुत बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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